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Tuesday 29 June 2010

quaran ka gaan


आयत 83

"और जब हमने लिया मिसाक (पक्का अहद , वादा ) बनी इस्रैलसे नहीं तुम इबादत करोगे सिवाय अल्लाह की और वालिदें के साथ हुस्ने सुलूक करो और जिल क़ुर्बा (people like relatives, children, frnds etc) और यतीमो और मिस्कीनो (people in need) और तुम कहोगे लोगो के लिए हुस्न (अच्छी बातें ) और कायम करो सलात और दो ज़कात फिर तुम पलट गए सिवाय थोड़े तुम मेंसे और तुम भागने वाले "


इस आयत से ये सिखने मिला की हम वालिदैन , जिल क़ुर्बा , यतीमो , मिस्कीनो से बदला नहीं ले सकते . अगर इन मेंसे कोई भी अगर हमारा खून करने भी आए तोह हम इनसे बदला नहीं ले सकते .
यही कारण था की जब हाबिल काबिल को मारने आया तोह उसने उससे बदला लेने के लिए उसे नहीं मारा और खुद मर गया .

अगर हम अपना बचाव करने के लिए उनपर हमला करे तो हमारी भी पकड़ होगी .
और आज हम सब मुस्लिम लोग सबसे बदला ले रहें है . अल्लाह के हुक्मो को काट रहें है
हमे अल्लाह से दुआ करनी चाहिए
या अल्लाह तू हमे किसीसे भी बदला लेने की नियात से हमारे दिलो को बचा

"आमीन "

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