जिस रात लगो डूबने यादों के भंवर मे
उस रात की स्याही से, ग़ज़ल प्यार की लिखना
जिस दिन लगे कि बहुत ही दुष्वार है जीना
उस दिन के उजाले से ग़ज़ल प्यार की लिखना
जिस शाम करो याद और हम याद ना आयें
उस शाम तीरगी से ग़ज़ल प्यार की लिखना
तारों की टिम-टिमा-हट बैचेन करें जब
झिलमिल सी रोशनी से ग़ज़ल प्यार की लिखना
शफ्फाक चांदनी भी जब रास ना आए
चन्दा की हर किरन से ग़ज़ल प्यार की लिखना
दिन जगमगा रहा हो और दिल डूबने लगे
सूरज की उस चमक से ग़ज़ल प्यार की लिखना
बांगो मे खिले फूल पर वीरानगी लगे
फूलों के उस महक से ग़ज़ल प्यार की लिखना
झरने-नदी और झील, कुछ भी न भाये जब
दरिया की रवानी से ग़ज़ल प्यार की लिखना
दम घुटने लगे और कोई राह ना सूझे
आख़िरी साँसों से ग़ज़ल प्यार की लिखना
उस रात की स्याही से, ग़ज़ल प्यार की लिखना
जिस दिन लगे कि बहुत ही दुष्वार है जीना
उस दिन के उजाले से ग़ज़ल प्यार की लिखना
जिस शाम करो याद और हम याद ना आयें
उस शाम तीरगी से ग़ज़ल प्यार की लिखना
तारों की टिम-टिमा-हट बैचेन करें जब
झिलमिल सी रोशनी से ग़ज़ल प्यार की लिखना
शफ्फाक चांदनी भी जब रास ना आए
चन्दा की हर किरन से ग़ज़ल प्यार की लिखना
दिन जगमगा रहा हो और दिल डूबने लगे
सूरज की उस चमक से ग़ज़ल प्यार की लिखना
बांगो मे खिले फूल पर वीरानगी लगे
फूलों के उस महक से ग़ज़ल प्यार की लिखना
झरने-नदी और झील, कुछ भी न भाये जब
दरिया की रवानी से ग़ज़ल प्यार की लिखना
दम घुटने लगे और कोई राह ना सूझे
आख़िरी साँसों से ग़ज़ल प्यार की लिखना
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