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Tuesday, 9 February 2010

चांदनी हो या चन्दन हो

चांदनी हो या चन्दन हो सभी में अपनी खुसबू है
वो दीप्ति हो या कोई हो बात तो सब में अपनी है
मूक का इस ये मुकेश कहता है यहाँ सब से
यहाँ आतिर का भी रब है
यहाँ जयति की भी जय है :


यहाँ निकिता का कर लो तुम चाहे लाख अभिनन्दन
मदद को है वो अक्सर ही मगर चुपचाप है हरदम
गगन से एक भी आरुसी जो धरती पे आ जाये
कार -ते -इक बना जाये
या फिर परलय मचा जाये

यहाँ सकलानी के मुह से हमेशा फुल झरते है
ऋतिक के साथ जूही है तो सब को भूल बैठे है
के इस बिपिन में देखो तो कैसे फूल है खिलते
कोई नीतू सी दिखती है
कभी नीलम सी लगती है

समय ईशा के पहले हो के या आकाश से आगे
कोई पियूष जो पे रहे वो क्लास में आगे
यहाँ कृतिका भी अपूर्वा है बंसी भी है बैठा
यहाँ सब में ही मेधा है
यहाँ सब की ही महिमा है

यहाँ नीरज हो या अंकित सभी में एक खूबी है
प्रतिष्ठा हो या नीलिमा हो सभी आकंठ डूबी है
यहाँ विक्रम जो है वो वक़्त से पहले कमाता है
यहाँ औप्रीत दिखती है
गौश की गीत दिखती है

वहाँ चुपचाप से देखो अजय सिंह पाल बैठा है
कार्टून किंग वह अक्षय साथ में राज बैठा है
भावनाओं में ईशा हो की या अमित बैठा हो
किसी के साथ प्रांशु है
किसी के साथ अंशु है

बलों को जितनी वाले जरा बलजीत को देखो
निशित के साथ बैठा है जरा गिरीष को देखो
यहाँ धीरेन्द्र है आशीष है प्रफ्फुल के क्या कहने
प्रदीप के साथ साही है
प्रतिक चुपचाप सा ही है

यहाँ पे क्लास में पंडो का जैसे फ़ौज बैठा है
नितीश गौरव यहाँ अभिषेक कुवर पंकज भी बैठा है
यहाँ डीएम भी है मयंका है मोहित भी है बैठा
कमल चुपचाप बैठा है
जे पी भी साथ बैठा है

बात प्रोग्रम्मिंग से हो तो एक अंकुर सा फूटता है
जो सब चुपचाप हो जाये तो फिर कुशाग्र उठता है
यहाँ अक्की भी है लेकिन कोई भी जन ना पाया
जो के मित्तल का उल्टा है
जो ना मानित के जैसा है .

2 comments:

The Joker said...

MAST OUTSTANDING....... JHAKKASH....!!!!

vivek_kumar said...

bahot khub,,janab..

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